एक सवाल श्री राम से.....
तेरी इस दुनिया में ये मंज़र क्यों?
हमेशा तेरे ही भक्तों की पीठ में खंज़र क्यों ??
तेरी इस दुनिया में ये मंज़र क्यों?
हमेशा तेरे ही भक्तों की पीठ में खंज़र क्यों ??
कहा गया है है कि तू सब की सुनता है ..
फिर तेरा भक्त पुरोहित अब तक अन्दर क्यों ??
जब तू ही लिखता है तकदीर पूरी दुनिया की..
फिर हिन्दू अभागे और मुल्ले मुक्कदर के सिकंदर क्यों ??
जब तूने ही वध किया था रावण जैसे पापी का...
फिर उसी धरती पर औरंगजेब और बाबर क्यों ??
तेरे राम राज में कभी बहता था शौर्य का दरिया....
आज उसी दुनिया में नामर्दी का सागर क्यों ??
जिन्होंने बीच चौराहे नंगा किया था तेरी हिन्दू नारियों को...
आज उन्ही के लिए भाई - भाई जैसा आदर क्यों ??
हे मेरे राम....
फिर तेरा भक्त पुरोहित अब तक अन्दर क्यों ??
जब तू ही लिखता है तकदीर पूरी दुनिया की..
फिर हिन्दू अभागे और मुल्ले मुक्कदर के सिकंदर क्यों ??
जब तूने ही वध किया था रावण जैसे पापी का...
फिर उसी धरती पर औरंगजेब और बाबर क्यों ??
तेरे राम राज में कभी बहता था शौर्य का दरिया....
आज उसी दुनिया में नामर्दी का सागर क्यों ??
जिन्होंने बीच चौराहे नंगा किया था तेरी हिन्दू नारियों को...
आज उन्ही के लिए भाई - भाई जैसा आदर क्यों ??
हे मेरे राम....
बहुत ही सुन्दर लिखा है...
ReplyDeleteधन्यवाद.... :)
ReplyDeleteBehad Behad Behad Sunder ... Main Aapke Page Ko Favorite Me Add Kar Raha Hun. Hari Om Namah Shivay
ReplyDeleteधन्यवाद.... :) :) :)
ReplyDeletewah! Kalpna se pare. Vastavikta se susajjit. Prashanshniya Hai Jai Bhai.
ReplyDeleteहृदय की वेदना का उत्कृष्ठ प्रदर्शन..
ReplyDeleteशुभकामनायें…
धन्यवाद.... :) :)
ReplyDelete@sachin ji